राम मंदिर के लिए जरूरत पड़ी तो 1992 जैसा आन्दोलन करेंगे: आरएसएस
चर्चित बिहार मुंबई. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने कहा कि राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से हिंदू अपमानित महसूस कर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि हमने कभी कोर्ट के निर्णय की उपेक्षा नहीं की। लेकिन, जरूरत पड़ी तो राम मंदिर के लिए 1992 की तरह आंदोलन करेंगे।
भैयाजी संघ की तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी में बोल रहे थे। उन्होंने कहा- न्यायालय के अधिकारों के बारे में कुछ नहीं कह रहा हूं। लेकिन, हमारी प्राथमिकताएं कुछ और हैं। हमें वेदना यह है कि कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि हमारी प्राथमिकता कुछ और है। इससे हिन्दू समाज काफी अपमानित महसूस कर रहा है। हम चाहते हैं की कोर्ट इसका जल्द निवारण करे।
‘उम्मीद है कोर्ट भावनाओं को समझकर फैसला देगी’
उन्होंने कहा- रामलला हमेशा हमारे हृदय में रहे हैं। राम सब दिन विराजमान हैं। लगभग 30 वर्ष से इस आंदोलन में हम रहे हैं। समाज चाहता है कि अयोध्या में राम मंदिर बने। कुछ कानूनी बाधाएं हैं। हम अपेक्षा कर रहे हैं कि न्यायालय इसमें हिन्दुओं की भावनाओं को समझकर फैसला देगा। यह प्रतीक्षा काफी लंबी हो गई है। तीन जजों की बेंच बनी तो लगा कि अब यह इंतजार खत्म होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हम चाह रहे थे कि दीपवाली से पूर्व कुछ शुभ समाचार मिल जाए, लेकिन सर्वोच्च नायालय ने उसे सुनने से इनकार कर दिया।
संघ प्रमुख से मिले शाह
बैठक के दूसरे दिन देर रात 2 बजे अचानक भाजपा अध्यक्ष अमित शाह मुंबई पहुंचे। उन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत से बंद कमरे में मुलाकात की। सूत्रों का कहना है कि शाह और संघ प्रमुख के बीच राम मंदिर, लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा हुई थी।