बीजेपी का बिहार में मिशन 35, लोकसभा चुनाव में महागठबंधन के खिलाफ क्या होगी जेपी नड्डा और अमित शाह की रणनीति?
चर्चित बिहार : पटना
17 अगस्त 2022
\नीतीश कुमार के एनडीए का साथ छोड़कर महागठबंधन के साथ जाने के बाद बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2024 में बिहार की 40 में से 35 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा है। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में मंगलवार को हुई कोर कमेटी की बैठक में यह तय किया गया। क्या आगामी चुनाव में बीजेपी के लिए यह राह आसान होगी? क्योंकि 2019 में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू एनडीए के साथ थी, जो 2024 में लालू प्रसाद यादव की आरजेडी, कांग्रेस और वाम दलों के साथ मिलकर लड़ेगी। हालांकि बीजेपी नेताओं ने इसके लिए रणनीति तैयार कर ली है।
पिछले महीने देश भर के बीजेपी नेताओं ने बिहार के 200 विधानसभा क्षेत्रों में प्रवास किया था। इस दौरान जनता और स्थानीय नेताओं से फीडबैक भी लिया गया। बताया जा रहा है कि बीजेपी नेताओं ने यह पाया है कि राज्य में पीएम नरेंद्र मोदी और उनके कामों का आगामी चुनाव में फायदा मिल सकता है। ऐसे में पार्टी ने अकेले अपने दम पर बिहार में 35 लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है।
बिहार बीजेपी में होंगे कई बदलाव
दिल्ली में हुई बीजेपी कोर कमेटी की बैठक के बाद सामने आया है कि मिशन 35 को पूरा करने के लिए राज्य में संगठनात्मक स्तर पर कई तरह के बदलाव किए जाएंगे। प्रदेश कमिटी से लेकर स्थानीय स्तर तक पदाधिकारियों को बदला जा सकता है। बीजेपी बिहार में अपने संगठन को मजबूत करने में जुटी हुई है। जेडीयू से नाता टूटने के बाद अब बीजेपी के पास दूसरे दलों को मैनेज करने की भी मजबूरी नहीं है।
लोकसभा चुनाव में क्या होगी बीजेपी की रणनीति?
आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 35 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। ऐसे में यह तय हो गया है कि पार्टी 40 सीटों में से 35 पर अकेले चुनाव लड़ सकती है। पशुपति पारस की लोजपा और चिराग पासवान की लोजपा रामविलास अब भी एनडीए में है। बाकी बची 5 सीटें इन्हें लड़ने के लिए दी जा सकती हैं। बीजेपी के शीर्ष नेताओं का मानना है कि बिहार में पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार की उपलब्धियों का आगामी चुनाव में फायदा मिलेगा। विधायक और सांसद जनता के बीच जाएंगे और सरकार के काम गिनाएंगे। साथ ही अति पिछड़ा और दलित वर्ग के लोगों में पैठ बनाई जाएगी। सवर्ण और ओबीसी वोटरों को भी एकजुट किया जाएगा। इसके अलावा महागठबंधन सरकार के खिलाफ पार्टी नेता आक्रामक होंगे। जंगलराज और अन्य मुद्दों पर नीतीश सरकार को घेरा जाएगा।
बिहार में पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
बिहार में 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए को एकतरफा जीत मिली थी। 40 में से 39 सीटें एनडीए के खाते में गई थी और महज एक सीट पर कांग्रेस को जीत मिली थी। बीजेपी ने 17, जेडीयू ने 16 और लोजपा ने 6 सीटें जीती थीं। हालांकि, बीजेपी की ओर से कहा गया था कि लोगों ने नरेंद्र मोदी के नाम पर एकतरफा वोट दिया था, इसका फायदा गठबंधन में शामिल अन्य दलों को भी मिला।
2014 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो एनडीए को 40 में से 31 सीटों पर जीत मिली थी। इनमें से 22 सीटों पर अकेले बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। उस वक्त नीतीश कुमार की जेडीयू महागठबंधन में शामिल थी। उसे महज 2 सीटों पर जीत मिली थी। आरजेडी के खाते में 4 सीटें गई थीं और कांग्रेस को महज एक सीट पर जीत मिली थी।