बिहार विधानसभा स्पीकर विजय सिन्हा, इस्तीफा नहीं देने पर अड़े, जानिए अब आगे क्या होगा
चर्चित बिहार : पटना
23 अगस्त 2022
पटना: तो बिहार में असली सियासी गेम अभी बाकी है? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि बिहार विधानसभा स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने इस्तीफा देने से मना कर दिया है। या यूं कहें तो अड़ गए हैं किसी भी कीमत पर इस्तीफा नहीं देंगे। दरअसल, बिहार में सत्ता परिवर्तन हुए लगभग 13 दिन हो गए। अब तक विजय सिन्हा ने विधानसभा अध्यक्ष पद से इस्तीफा नहीं दिया है। सत्ताधारी जेडीयू और आरजेडी, लगातार इस्तीफे की मांग कर रही है, लेकिन वे इस्तीफा देने को तैयार नहीं हैं। विधानसभा अध्यक्ष का कहना है कि जो उन्हें नोटिस दी गई है, वह नियमों के खिलाफ है।
पटना में पत्रकारों से बात करते हुए स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि विगत दिनों सत्ता को बचाए रखने के लिए जो कुछ भी हुआ, उस पर इस समय कुछ भी कहना उचित नहीं होगा। लेकिन इस दौरान विधायिका की प्रतिष्ठा पर जो प्रश्न खड़े किए गए हैं, उस पर चुप रह जाना भी मेरे लिए अनुचित होगा। विजय सिन्हा ने कहा कि जब तक दायित्व के साथ बंधे हैं, तब तक अपने व्यक्तिगत सम्मान से ऊपर लोकतंत्र की गरिमा को सुरक्षित रखना मेरा कर्तव्य है। इसलिए जब विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में मेरे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया, तब मैंने अपने ऊपर विश्वास की कमी के रूप में नहीं देखा। अविश्वास का प्रस्ताव का जो नोटिस सभा सचिवालय को दिया गया है, उसमे नियमों और प्रावधानों की अनदेखी की गई है। इसलिए इस नोटिस को अस्वीकृत करना मेरा स्वाभाविक जिम्मेवारी है।
नहीं देंगे इस्तीफा
बिहार विधानसभा अध्यक्ष ने साफ तौर पर कह दिया है कि वे पद से इस्तीफा नहीं देंगे। विजय सिन्हा ने कहा कि मेरे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है, लेकिन मैंने खुद पर विश्वास रखा। अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस सचिवालय को दिया गया, जिसमें नियमों की अनदेखी की गई है। आसन से बंधे होने के कारण से नोटिस में सबसे दुर्भाग्यपूर्ण और निराधार आरोप लगाए गए हैं, जो व्यक्तिगत स्तर के हैं। ऐसे में उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव
बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद ललित यादव की अध्यक्षता में महागठबंधन के नेताओं ने मौजूदा विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। बिहार विधानसभा के सचिव के समक्ष 10 अगस्त को महागठबंधन के 50 विधायकों के हस्ताक्षर वाला पत्र सौंपा गया था। अविश्वास प्रस्ताव के तहत विजय कुमार सिन्हा को अध्यक्ष के रूप में अपना पद बरकरार रखने के लिए विधानसभा के अंदर बहुमत साबित करना होगा। लेकिन अब उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया है।
अधिकतम कितने दिन कुर्सी पर रह सकते हैं स्पीकर
अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिए जाने के 14 दिन बाद उस पर चर्चा हो सकती है। नोटिस दिए जाने का बाद विधानसभा की कार्यवाही सत्र शुरू होने पर चर्चा के लिए यह सबसे पहला एजेंडा होता है। जब अविश्वास प्रस्ताव लिया जाता है, तो स्पीकर खुद अध्यक्षता नहीं कर सकता। ऐसे में डिप्टी स्पीकर काम संभालेंगे। विधानसभा में जेडीयू नेता महेश्वर हजारी डिप्टी स्पीकर हैं। कानून के मुताबिक विजय कुमार सिन्हा अधिकतम 14 दिन स्पीकर की कुर्सी पर रह सकते हैं। वहीं महागठबंधन को 15 दिनों का इंतजार करना पड़ेगा। ऐसे में 14 दिनों का समय 23 अगस्त को खत्म हो रहा है और सत्र 24 अगस्त को होगा। लेकिन सत्र शुरू होने से एक दिन पहले ही स्पीकर ने कह दिया है कि वे अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे।
अब आगे क्या होगा
बता दें कि बिहार विधानसभा के कार्यसंचालन नियमावली में अध्यक्ष को हटाने और नये अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया निर्धारित है। खासबात यह है कि बिहार के राज्यपाल द्वारा अध्यक्ष के निर्वाचन की तिथि निर्धारित की जाती है। तकनीकी रूप से देखा जाए तो विधानसभा अध्यक्ष का पद अभी खाली नहीं है और ना ही इस तरह की कोई सूचना विधानसभा की ओर से महामहिम राज्यपाल को दी गई है। जहां तक विधानसभा अध्यक्ष के निर्वाचन की बात है तो पद रिक्ति की सूचना मिलने के बाद राज्यपाल द्वारा तिथि निर्धारित की जाती है। नियम के अनुसार, निर्वाचन की तिथि के एक दिन पहले 12 बजे दिन तक ही अध्यक्ष बनने को इच्छुक सदस्य विधानसभा सचिव के पास नामांकन दर्ज कर सकते हैं।
बता दें कि नई सरकार को विश्वास मत हासिल करने के लिए 24 अगस्त को विधानसभा की बैठक बुलाई गई है। दो दिवसीय सत्र की कार्ययोजना मौजूदा अध्यक्ष को ही बनानी है। बिहार विधानसभा में दो ही कार्य किये जाने हैं। पहला सरकार का बहुमत हासिल करना और दूसरा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराना। हालांकि अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि इनमें से पहला कार्य कौन होगा और दूसरा कौन सा। हालांकि विधानसभा स्पीकर ने सत्तापक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को अस्विकार कर दिया है। ऐसे में अब आगे क्या होगा, इस पर सबकी नजर रहेगी।