यूं ही बिहार के लोगों की नजर में नायक नहीं है आई पी एसअधिकारी विकास वैभव
चर्चित आईपीएस अधिकारी व संपत्ति बिहार सरकार गृह विभाग में विशेष सचिव विकास वैभव यूं ही बिहार के आम लोगों की नजरों मे रियल हीरो नहीं है। यह जितने ईमानदार है उससे ज्यादा सहज सक्रिय व मानवीय संवेदनाओं को सहेजने वाले भी हैं। बेगूसराय के मूल निवासी हैं इस कारण से साहित्य ओज व तेज विरासत में मिली है किसी भी चीज को अपने कठिन परिश्रम के बल पर हासिल करना तथा संबंधों को सहेजना इन्हें बखूबी आता है।पटना के पटेल भवन में जहां इनका कार्यालय है वहां काफी व्यस्त रहते हैं विभागीय कार्यों से लेकिन बिहार के कोने-कोने से युवा जो इनसे मिलने आते हैं वह इन्हें निराश होकर वापस नहीं जाने देते इन की कोशिश होती है कि सभी युवाओं से मिला जाए उन्हें प्रेरित किया जाए उनकी समस्याओं को सुना जाए क्रेज ऐसा जो बिहार के शायद किसी नेता या अभिनेता को प्राप्त है आप किसी भी कार्यक्रम में चले जाइए जहां यह बतौर अतिथि उपस्थित हो जाएं सेल्फी लेने वालों की पूरी भीड़ इनके तरफ मुड़ जाती है और सहजता इतनी की किसी को निराश नहीं करते सब के साथ उसी गर्मजोशी के साथ मिलते हैं अब बात आज की चर्चा की विकास वैभव जी शनिवार को अपने गृह जिले बेगूसराय के बिहट पहुंचे जहां उन्होंने कीर्तन सम्राट बिंदेश्वरी बाबू के पुत्र के निधन के बाद उनके परिजनों से मिलकर ढांढस बंधाया। फिर जा पहुंचे बेगूसराय के साहित्यकार व पत्रकार प्रभाकर राय जी के गांव जहां जाने का वादा उन्होंने पिछले महीने किया था।बछवाड़ा के रूपसबाज गाँव पंहुँचे विकास वैभव जी के आने की खबर जैसे ही आसपास के इलाके के लोगों को लगी प्रभाकर जी के आवास पर भारी भीड़ जमा हो गई इस भीड़ में जिले के कई चर्चित चेहरे शामिल थे तो ज्यादा तादाद युवाओं की ही थी जो एक बार अपने जिले के व राज्य के इस लाल के साथ एक सेल्फी खिंचवाना चाहते थे इन्होंने किसी को निराश नहीं किया सब से मिले सेल्फी भी खिंचवाई। बेगूसराय से बॉलीवुड तक का सफर तय करने वाले अभिनेता अमित कश्यप ने बताया कि बेगूसराय जिले में भी विकास वैभव जी सबसे ज्यादा चर्चित चेहरे हैं जब भी वक्त मिलता है अपने पुराने संबंधों में प्रगाढ़ता भरने जरूर पहुंच जाते हैं
परिचितों के यहा कोई प्रोटोकोल नहीं होता । इनकी शालीनता सहजता चर्चा का विषय बन जाती है।चंपारण की धरती से दस्यु सरगनाओं का सफाया करने वाले इस आईपीएस अधिकारी के नाम पर बेतिया में एक चौराहा भी है। अवकाश के दिनों में ये सामाजिक गतिविधियों में ज्यादा सक्रिय रहते हैं पटना में इन्होंने महान गणितज्ञ पद्मश्री डॉ वशिष्ठ नारायण सिंह के द्वारा स्थापित शुक्रिया वशिष्ठ संस्थान में मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे बिहार के अभावग्रस्त मेघावी छात्रों का क्लास लेना भी प्रारंभ किया है। युवाओं के कार्यक्रम में विशेष रूप से जाना पसंद करते हैं युवा इनके प्रेरणादायी विचारों को सुनने के लिए यह जानकारी हासिल करते रहते हैं इनका कार्यक्रम कहां है।