आरसीपी सिंह ने छोड़़ी पार्टी कहा–डू़बता जहाज है जदयू
चर्चित बिहार : पटना
07 अगस्त 2022
जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने शनिवार को जदयू की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया। ॥ उन्होंने जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा को भेजे गये अपने पत्र में लिखा कि मैं रामचन्द्र प्रसाद सिंह‚ जदयू की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र देता हूं। उन्होंने अपना इस्तीफा शाम ८.३० बजे जदयू प्रदेश अध्यक्ष को भेजा। उनके साथ जदयू नेता कन्हैया सिंह एवं जदयू व्यावसायिक प्रकोष्ठ के पूर्व अध्यक्ष उपेन्द्र कुमार विभूति ने भी जदयू की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। जदयू से नाता तोड़़ने के बाद आरसीपी अब नयी पार्टी बनायेंगे। उन्होंने कहा कि एक साजिश के तहत उनपर आरोप लगाया गया है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से भी साथ चलने का आह्वान किया है। आरसीपी ने कहा कि जदयू डू़बता हुआ जहाज है। उन्होंने कहा कि मैंने अपना बहुमूल्य समय पार्टी के लिए समर्पित किया है। जो लोग मुझपर उंगली उठा रहे हैं‚ वे अपने अंदर भी झांक कर देखें। शीशे के घर में रहने वाले दूसरों पर पत्थर नहीं फेंका करते।
जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने पार्टी के प्रदेश नेतृत्व के उनके खिलाफ कथित तौर पर अवैध रूप से करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित किये जाने के आरोप से आहत होकर शनिवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। आरसीपी सिंह ने शनिवार को नालंदा स्थित अपने घर पर संवाददाताओं से बातचीत में अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को एक–एक कर खारिज करते हुए कहा कि बगैर किसी सबूत के ही झूठे और मनगढंत आरोप लगाये गये हैं। इस संबंध में अब तक मुझे किसी भी तरह का पत्र पार्टी की ओर से नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि गांव के दूसरे व्यक्ति से पूछने से पहले मुझसे पूछना चाहिए था। श्री सिंह ने कहा कि मैंने अपना बहुमूल्य समय पार्टी के लिए समर्पित किया है। राज्य का कोई भी ऐसा जिला नहीं‚ जहां मैं संगठन की मजबूती के लिए और पार्टी कार्यकर्ताओं के सुख–दुख में साथ खड़ा न हुआ हूं। उन्होंने बगैर किसी नेता का नाम लिये हुए कहा कि आज वही लोग मेरे खिलाफ अनर्गल आरोप लगा रहे हैं‚ जो कभी पार्टी के खिलाफ बिहार विधानसभा के चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा बने हुए थे॥। अपने ऊपर लगे आरोप से आहत होकर उन्होंने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री होने के बावजूद मेरे पास नालंदा स्थित पैतृक आवास के अलावा अन्य कोई स्थान नहीं है‚ तभी तो मैं अपने पैतृक आवास पर ही रह रहा हूं। आरसीपी सिंह ने कहा कि मेरा जीवन एक खुली हुई किताब के समान है। जो लोग मुझपर उंगली उठा रहे हैं‚ वे अपने अंदर भी झांक कर देखें। शीशे के घर में रहने वाले दूसरों पर पत्थर नहीं फेंका करते। उन्होंने कहा कि पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से अपने इस्तीफे से संबंधित पत्र को मैं शीघ्र ही शीर्ष नेतृत्व को भेज दूंगा।
दयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पार्टी को डूबता हुआ नाव बताया और कहा कि ऐसी नाव पर कोई सवार होना नहीं चाहता है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि जदयू में झोला उठाने के लिए कौन रहेगा। उन्होंने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि संगठन के लिए इतनी ईमानदारी से लगने के बाद भी कुछ लोगों ने मुझे जलील किया। दूसरी नाव पर सवारी करने के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने फिलहाल कुछ भी बताने इनकार किया और कहा कि संगठन बनाना मेरे लिए कोई बड़ी बात नहीं है॥। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह पर पत्नी और दो पुत्रियों के नाम ५८ संपत्ति अर्जित करने के गंभीर आरोप लगे हैं। यह संपत्ति वर्ष २०१३ से लेकर वर्ष २०२२ तक अर्जित की गई। सभी जमीन नालंदा के सैफाबाद और शेरपुर मालती मौजा में खरीदी गई। श्री सिंह की पत्नी गिरजा देवी‚ पुत्री लिपि सिंह और लता सिंह के नामों पर करीब ४० बीघा जमीन रजिस्ट्री कराई गई। इस खुलासे के बाद राजनीतिक गलियारे के साथ ही जदयू में हड़कंप मच गया है। जदयू प्रदेश नेतृत्व ने पूर्व केंद्रीय मंत्री से इस मामले में स्पष्टीकरण की मांग की है। श्री सिंह को इस संबंध में भेजे गये पत्र में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि पार्टी के दो कार्यकर्ताओं का सूबत के साथ आवेदन मिला है‚ जिसमें यह उल्लेख किया गया है कि आपके एवं आपके परिवार के नाम से वर्ष २०१३ से वर्ष २०२२ तक अकूत अचल संपत्ति का निबंधन कराया गया है‚ जिसमें कई प्रकार की अनियमितताएं प्रतीत होती हैं। पत्र में कहा गया है कि आप लंबे समय से दल के सर्वमान्य नेता नीतीश कुमार के साथ अधिकारी एवं राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में काम करते रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो बार राज्यसभा का सदस्य‚ पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव संगठन‚ राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा केंद्र में मंत्री के रूप में कार्य करने का अवसर दिया। साथ ही विश्वास एवं भरोसा के साथ आपको जिम्मेदारी भी दी थी।