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पटरी पे लौटेगी अलौली की कानून व्यवस्था

पटरी पे लौटेगी अलौली की कानून व्यवस्था

अलौली की कमान राघवेंद्र राघव के हाथ

चर्चित बिहार :-  खगड़िया ऐसे तो बहुत कम पुलिस पदाधिकारी हैं जिसके तबादला होने पर क्षेत्र की जनता को ऐसा लगता है कि मेरे परिवार का कोई सदस्य अलग हो गया। ऐसे हीं जिले के गोगरी थाना में पदस्थापित थानेदार हैं राघवेंद्र राघव! इनके बारे में लोग बतातें हैं कि ये आम थानेदार से काफी अलग है। न पुलिसिया रौब और नहीं खाकी वर्दी का अहंकार। राघवेंद्र काफी अलग अंदाज में थानेदारी करने के लिए जाने जातें हैं। खगड़िया जिला में इनका पहला पोस्टिंग मानसी थाना में हुई। मानसी थाना जिला के काफी चर्चित और अतिसंवेदनशील थाना की श्रेणी में सबसे आगे है। जब राघवेंद्र राघव की पोस्टिंग मानसी थाना में हुई तो स्थानीय लोग आपस में चर्चा किया करते थें कि न जाने ये नये थानाध्यक्ष कैसे मानसी थाना को संभालेंगे। जब इनकी थानेदारी की कुछ समय बीता तो लोगों में खुशी का माहौल बन चुका था, इसलिए कि नये थानाध्यक्ष बड़ा से बड़ा विवाद को भी अपनी सुध-बुध से आधा घंटा के अंदर समाप्त कर समाज में अमन चैन कायम रखने की मुहिम तेज कर दिए थे।

थानाध्यक्ष राघवेंद्र के कार्यकाल के बारें में युवा शक्ति के कार्यकारी जिलाध्यक्ष अभय कुमार गुड्डू बतातें हैं कि राघवेंद्र सर अजीब थानेदार थे। वे सुबह 6 बजे नींबू पानी पीकर दोपहर 2 बजे तक थाना के आगे बने चबूतरा पर बैठे रहते थे। इस बीच दर्जनों लोग कोई बेटा-वधु से परेशान, तो कोई अपने परोसी से परेशान रहता था। सबका गुस्सा राघवेंद्र सर सुनते थे और महज दस मिनट बातचीत के बाद आग बबूला होकर थाना पर आए व्यक्ति बिल्कुल टेंशन फ्री हो जाते थे और राघव सर से कहते थे कि, सर आप हीं फैसला कर दिजिए हम केस मुकदमा नहीं लड़ेंगे। गुड्डू ने आगे बताया कि मानसी थानाक्षेत्र अंतर्गत फरकिया दियारा में भी कोई गैंगवार शुरु हो जाता था तो राघव सर फोन पर बात कर बड़ी से बड़ी लड़ाई को रोक देते थे। वे कभी थानेदार होकर भी किसी पर रौब नहीं झाड़ते थे। इसी कारण मानसी के बच्चे, बूढ़े, जवान सब उनके दीवाने बने थे। इतना हीं नहीं जब राघवेंद्र सर का मानसी से तबादला हुआ तो कई लोग खुशी से भोजन नहीं चबा सके। चूंकि मानसी से तबादला के कुछ दिन पहले उनको पदोन्नति मिला और वे इंस्पेक्टर बन गए थे। लोगों में काफी खुशी थी। लेकिन यह खुशी तीन-चार दिन में हीं उनकी तबादला की खबर आने से समाप्त हो चुका। मानसीवासियों ने नम आंखें के साथ उनके उज्जवल भविष्य की कामना के साथ उन्हें विदा किया। चंद दिनों में पता चला कि उन्हें गोगरी थानाध्यक्ष बनाया गया तो यह खबर से लोगों का मन काफी प्रफुल्लित हो गया।

राघवेंद्र राघव गोगरी थाना का कमान संभाली। इनके जाने से पहले गोगरी थाना में भी बहुत अच्छी स्थिति नहीं था। कई थानाध्यक्ष पर गंभीर आरोप भी लगा। निलंबन का दौड़ जारी था। उसी वक्त राघवेंद्र को गोगरी का बागडोर संभालने की घड़ी आई। इन्होंने संभाला और मानसी जैसा माहौल गोगरी में भी बन गया। सीधा गाँव-गाँव में स्थानीय लोगों से बेहतर संबंध स्थापित कर बड़ी से बड़ी समस्याओं को बैठे-बैठे निदान होने लगा। लोगों का विश्वास राघवेंद्र के प्रति बढ़ा। किसी को कुछ भी आश्वासन देते थे तो लोग इनकी बात को लक्ष्मण रेखा समझते थे। इसी बीच मानसी थानाक्षेत्र में हत्या पर हत्या होने लगा। पुलिस कप्तान द्वारा एक टीम बनाया गया जिसमें राघवेंद्र का भी काफी अहम भूमिका रहा। अंतोगत्वा हत्यारा पुलिस के हत्थे चढ़ गया। इसी बीच जिले के अलौली थाना क्षेत्र में अपराधी हावी होने लगा। लगातार हत्या होने के कारण एक कर्मठ और जुझारू थानेदार राघवेंद्र राघव को अलौली का कमान पुलिस कप्तान द्वारा थमा दी गई।

यह खबर गोगरी में आग की तरह फैल गया। काफी लोगों की परेशानी बढ़ गया और काफी लोग इस बात के लिए दुखी थे कि हमारे परिवार का एक हिस्सा अलग हो गया। राघवेंद्र के तबादले से गोगरी के कई जनप्रतिनिधि, समाजिक/राजनितिक कार्यकर्ता के साथ साथ आमलोग भी काफी दुखी है। लोग राघवेंद्र राघव को गोगरी से जाने देना नहीं चाहते हैं। ठीक उसी तरह का माहौल गोगरी में भी उत्पन्न हो चुका है जैसा कि मानसी थाना से उनका तबादला के समय हुआ था। लेकिन लोग खुद को यह कहकर तसल्ली देते दिखें कि नौकरी है तो एक जगह से दूसरें जगह पोस्टिंग तो लगा हीं रहेगा।

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