एण्ड टीवी ने 2020 को विदाई देकर रोमांचक कार्यक्रमों के साथ किया 2021 का आगाज
एण्ड टीवी ने 2020 को विदाई देकर रोमांचक कार्यक्रमों के साथ किया 2021 का आगाज
वर्ष 2020 बाकी किसी भी साल की तुलना में कहीं ज्यादा चुनौतियों, उम्मीदों, प्रेरणा, एकता, एकजुट प्रयासों और उपलब्धियों का साल रहा है! चूंकि, 2020 बस जाने ही वाला है, इसलिये एण्ड टीवी लेकर आया है एक रिव्यू, जिसमें पूरे साल भर की झलक नजर आती है। इस चैनल ने पूरे धूम-धड़ाके के साथ साल की शुरुआत की थी। उन्होंने जनवरी में भक्ति और भगवान से जुड़ी दो कहानियां- ‘कहत हनुमान जय श्रीराम’ और ‘संतोषी मां सुनाये व्रत कथाएं’ लॉन्च किया था। साल के तीसरे महीने में शूटिंग रुक जाने की वजह से, एण्ड टीवी ने अपना क्रिएटिव कैम्पेन ‘रुतैयारी हमारी जबर्दस्त है’ लॉन्च किया। साथ ही ‘उससे भी जबर्दस्त किरदार और कहानियां’ के साथ शानदार मनोरंजन प्रस्तुत किया। साल का धमाकेदार अंत करते हुए, एण्ड टीवी ने हाल ही में ‘येशु’ की अनकही और अनसुनी कहानी भी लॉन्च की। हिन्दी जनरल एंटरटेनमेन्ट चैनल के क्षेत्र में ऐसा पहली बार हुआ है। अरविंद बबल प्रोडक्शन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित यह शो 22 दिसंबर, 2020 से रात 8 बजे प्रसारित हो रहा है। इसका प्रसारण सोमवर से शुक्रवार किया जायेगा।
वैसे तो नये किरदारों और कहानियों के साथ नई उमंग, नई उम्मीदों से भरपूर नये साल 2021 के लिये चैनल पूरी तरह तैयार है। तो आइये थोड़ा विस्तार से नजर डालते हैं बीते साल पर।
भारतीय हिन्दी भाषी संस्कृति का एक फ्यूजन
हमारी भारतीय संस्कृति का वास्तविक चित्रांकन करने वाले हर पहलू, रंग-रूप, किरदार और कहानियों को ध्यान में रखते हुऐ एण्ड टीवी ने पूरे साल विस्तृत रूप से कहानियां और किरदार पेश किये।
सच्चे भक्तों लिये जीवन में शांति और संतोष लाने के लिये व्रत कथाओं की सदियों पुरानी परंपरा को ‘संतोषी मां सुनाये व्रत कथायें’ के रूप में प्रस्तुत किया गया
जहां तक याद है भारतीय, भगवान के प्रति अपनी भक्ति का प्रदर्शन करने के लिये काफी लंबे समय से व्रत की परंपरा का पालन करते आ रहे हैं। रास्ते में आने वाली मुसीबतों और आध्यात्मिक विकास के लिये वे इस परंपरा का पालन करते आ रहे हैं। हर व्रत के पीछे कई सारी दिलचस्प पौराणिक कथायें होती हैं, जोकि हमारे रीति-रिवाजों और संस्कृीति से गहराई से जुड़ी होती हैं। इन्हें हम ‘व्रत कथाओं’ के नाम से जानते हैं। ‘संतोषी मां सुनाये व्रत कथायें’ कहानी के रूप में सच्ची भक्ति का मूल अर्थ समझाने वाला एक सामाजिक-पौराणिक शो है। रश्मि टेलीफिल्म्स द्वारा निर्मित यह शो संतोषी मां के रूप में नामचीन अभिनेत्री ग्रेसी सिंह के कमबैक के रूप में खास है। इसमें तन्वी डोगरा भी नजर आ रही हैं, जोकि एक परम भक्त स्वाति का किरदार निभा रही हैं। वह किस तरह अपने रास्ते में आने वाली बाधाओं को संतोषी मां और अपने पति इंद्रेश के मार्गदर्शन में पार करती है यह उसकी कहानी है। आशीष कादियान, स्वाति के पति का किरदार निभा रहे हैं।
‘कहत हनुमान जयश्रीराम’ के साथ भक्ति की अनकही कहानियां और उसका पावन रूप प्रस्तुत किया गया है
हर भगवान के लिये एक भक्त होता है। इसके बावजूद भगवान राम के प्रति भगवान हनुमान की असीम भक्ति और निःस्वार्थ समर्पण सही मायने में उन्हें अद्वितीय बनाती है। साथ ही उन्हें ‘भक्ति’ के प्रतीक के रूप में पेश करती है। सही रूप में भक्ति की दिलचस्प कहानी पेश कर रहा ‘कहत हनुमान जयश्रीराम’ में भगवान हनुमान के कई अनदेखे पहलुओं को दर्शाया गया है। इसमें उनके जीवन के लक्ष्य को भी शामिल किया गया है। दर्शकों को भगवान शिव और अजेय दानव रावण की अनसुनी कहानी की झलक मिली। इससे उन्हें बाल हनुमान की रोचक पौराणिक कथा को देखने का अवसर मिला। उन्हें यह जानने का मौका मिला है कि किस तरह बाल हनुमान भगवान राम के इतने बड़े भक्त बने और रावण के आतंक राज्य का सफलतापूर्वक खात्मा किया। इस शो में एकाग्र द्विवेदी नन्हंे हनुमान के रूप नजर आये हैं और उनके साथ निर्भय वाधवा, बाली के रूप में, स्नेहा वाघ, अंजनी (हनुमान की मां) के किरदार में और जितेन लालवानी, केसरी (हनुमान के पिता) के किरदार में हैं।
पहली बार हिन्दी जनरल एंटरटेनमेन्ट चैनल के क्षेत्र में ‘येशु’ की एक अनकही और अनसुनी कहानी
आज के समय में जहां निराशा पसरी हुई है ऐसे में दया, संवेदना, उम्मीद, प्यार और माफ कर देने की भावना मानवता के आधार हैं। ये मुश्किल की इस घड़ी में बाहर निकलने में मदद करेंगे। यह ‘येशु’ की एक ऐसी कहानी है, जहां अच्छाई बुराई को मात देती है और तिरस्कार के बदले करुणा है। एण्डटीवी को पहली बार हिन्दी जनरल एंटरटेनमेन्ट चैनल की दुनिया में ‘येशु’ की अनकही और अनसुनी कहानी पेश करते हुए गर्व का महसूस हो रहा है।
‘येशु’ एक अद्भुत दयालु बच्चे की कहानी है जो केवल भलाई करना चाहता है और अपने आस-पास खुशियां बिखेरना चाहता है। उसका स्नेह और करुणा गहरे अंधेरे में उजाले की तरह है। उसके पूरे जीवनकाल में बुरी शक्तियां ज्यादा देखने को मिलती है। परिवार और समाज पर होने वाले कई सारे अत्याचारों को देखने का उस पर गहरा प्रभाव पड़ता है। वह औरों की मदद करने की कोशिश करता है। कई बार लोगों की तकलीफों को दूर करने के क्रम में वह ऐसी स्थिति में पहुंच जाता है जहां उसे सिर्फ विरोधियों से ही नहीं, बल्कि बड़े पैमाने पर लोगों का भी विरोध झेलना पड़ता है। इसके बावजूद भी येशु को कोई भी चीज उसे अपने रास्ते पर चलने से रोक नहीं पाती। इस शो में एक से बढ़कर एक बेहतरीन कलाकार हैं, जिनमें विवान शाह नन्हें येशु की भूमिका में हैं, सोनाली निकम, मैरी के रूप में, आर्य धर्मचंद, जोसेफ, दर्पण श्रीवास्तव, राजा हेरोड और रुद्र सोनी, हेरोड एंटीपस की भूमिकाओं में हैं। अरविंद बबल प्रोडक्शंदस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित यह शो 22 दिसंबर, 2020 से रात 8 बजे प्रसारित होगा। इसका प्रसारण सोमवार से शुक्रवार किया जायेगा।
दर्शकों के पसंदीदा किरदारों के नये और अनोखे अंदाज
वैसे तो, नये चेहरों के प्रति दर्शकों में मोहब्बत बढ़ गयी है लेकिन जाने-माने चेहरों को लेकर भी दर्शकों का प्यार बरकरार है। अपने नये और अनोखे अंदाज से वे दर्शकों का मनोरंजन कर रहे हैं।
एक-दूसरे की बीवियों पर अपनी छाप छोड़ने की चाहत में ‘भाबीजी घर पर हैं’ के मॉर्डन कॉलोनी के पड़ोसी दंपती मिश्रा और तिवारी परिवार कई नये रूप और मजेदार कहानियां लेकर आये। जिसने दर्शकों को खूब हंसाया और गुदगुदाया। विभूति नारायण मिश्रा (आसिफ शेख) के चिरपरिचित जोकर रूप से लेकर इटालियन डॉन विटो पेपराजी (‘गॉडफादर’ फिल्मस से प्रेरित), ढोंगी बाबा (जैक स्पेटरो लुक) तक और अंगूरी भाबी (शुभांगी अत्रे) के स्वर्ग लोक की देवी और ‘भूल भुलैय्या’ फिल्म की मंजुलिका की तरह चंद्रलेखा के किरदार के साथ एण्डटीवी के इस कल्ट शो ने दर्शकों को खूब हंसाया। इस शो ने हाल ही में 1400 एपिसोड पूरे करने का कीर्तिमान बनाया है।
दरोगा हप्पू सिंह और उसकी दबंग दुल्हन राजेश और उसकी जिद्दी मां कटोरी अम्मा के ‘घरेलू’ कारनामे और हास्य से भरपूर घटनाओं को कल्पना से परे ट्विस्ट के साथ जबर्दस्त तथा मजेदार अंदाज में पेश किया गया। ताजगी और मनोरंजन से भरपूर कहानियों के साथ, इस शो के लीड कलाकार अलग-अलग लुक में नजर आये। उनमें दरोगा हप्पूं सिंह (योगेश त्रिपाठी) का खुद को खतरनाक गुंडों से बचाने के लिये धारण किये गये नौकरानी (नीतू) वाले लुक से लेकर एक लड़की के पर्दाफाश से बचने के लिये अपनाया गया सरदार लुक, जिसका बचपन में उसने दिल तोड़ दिया था, शामिल है। राजेश (कामना पाठक) ने भी कई सारे लुक आजमाये, जिसमें उसने कटोरी अम्मा (हिमानी शिवपुरी) के सामने याददाश्त) चले जाने का झूठा नाटक करने के लिये कॉलेज की लड़की का लुक अपनाया था, वहीं चुनाव के लिये एक होनहार उम्मीदवार जैसे रूप में नजर आयी थी। हिमानी शिवपुरी भी अपने लुक के साथ प्रयोग करती नजर आयीं, जिसमें नया स्माीर्टफोन लेने के बाद कटोरी अम्मा 2.0 के अवतार में नये जमाने की छोरी बन गयी थीं।
नये किरदार, नये ट्विस्ट- 29 नामचीन चेहरे एक महत्वपूर्ण भूमिका में
‘संतोषी मां सुनाये व्रत कथायें’ः
1. रतन राजपूत की संतोषी मां के अंश के रूप में वापसी- संतोषी (रतन राजपूत) दो अवतारों में हैं, एक उष्मा देवी और दूसरी मानव के रूप में संतोषी। वह स्वाति (तन्वी डोगरा) को न्याय दिलाने और उन दोषियों को सजा दिलाने में उसकी मदद करती है, जो उसकी इस हालत के जिम्मेदार होते हंै।
2. देवी पाॅलोमी के रूप में सारा खान की दिलचस्प एंट्री- संतोषी मां (ग्रेसी सिंह) और उनकी परम भक्त स्वाति (तन्वी डोगरा) की जिंदगी में खलबली मचाने के लिये सारा खान, देवी पाॅलोमी के रूप में इस शो में धमाकेदार एंट्री करती हैं।
3. देवी पार्वती के रूप में जिया चैहान
4. बाद में गरिमा परिहार ने देवी की इस भूमिका में जिया चैहान की जगह ले ली।
‘एक महानायक डॉ. बी.बार. आम्बेडकर’ः
इस शो में एक नये परिवार की एंट्री होती है, जोकि दहेज में मोटी रकम लेने के लालच में अपने बेटे की शादी रामजी की बेटी से करवाने के इरादे से आये हैं। आदित्य कोनार ने होने वाले दूल्हे भास्कर की भूमिका निभायी है, आलोक सेनगुप्ता और कविता जाधव (भास्कर के पिता शंभू और मां), शाएब कबीर और कल्याणी सिंह, बड़े भाई और उसकी पत्नी माधवी की भूमिकाआंे में हैं।
1. आदित्य कोनार उर्फ भास्कर- इस शो में मंजुला (वंशिका यादव) के भावी पति भास्कर ने बाल विवाह के खिलाफ लड़ाई में बाबासाहेब का बढ़-चढ़कर साथ दिया।
2. कल्याणी सिंह उर्फ माधवी- भास्कर की भाभी माधवी के रूप में उसे मंजुला (वंशिका यादव) से शादी ना करने के सही फैसले में उसका साथ देती है। साथ अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिये उसे प्रोत्साहित भी करती है।
3. शोएब कबीर, भास्कर के भाई के किरदार में- शुरुआत में भास्कर की शादी मंजुला से हो जाने के पक्ष में होने के अलावा शोएब कबीर खुद से ज्यादा किसी और की चिंता नहीं करता। बाद में उसे अपनी गलती का अहसास होता है और वह माधवी (कल्यााणी) तथा भास्कर (आदित्य कोनार) का इस शादी से इनकार करने में साथ देता है।
4. आलोक सेनगुप्ता उर्फ शंभू- शंभू एक पुरुषवादी सोच रखने वाला इंसान है और उसका मानना है कि महिलाएं सिर्फ घर का काम करने के लिये ही बनी हैं। उसकी यही चाहत है कि उसके बेटे भास्कर की शादी मंजुला (वंशिका यादव) से हो जाये ताकि उसे रामजी से (जगन्नाथ निवानगुणे) अच्छा-खासा दहेज मिल जाये।
5. भास्कर की मां के रूप में कविता जाधव- पुरातन रीतियों की कट्टर समर्थक कविता जाधव हमेशा ही अपने पति के निर्णय में उसका साथ देती है चाहे वह सही हो या फिर गलत। इतना ही नहीं उसे इस बात का कोई पछतावा भी नहीं होता है।
‘गुड़िया हमारी सभी पे भारी’ः
एक खानदानी डकैत परिवार गुड़िया के पड़ोस में बड़े गोलीमार अंदाज में हवेली में प्रवेश करता है। उसके साथ होती है उसकी पत्नी पुतली बाई (आभा परमार), उसका बेटा माधव (ब्रज किशोर) और उसकी पत्नी हरभेजी (माधुरी संजीव), पोते गब्बर (अमन गांधी) और गुड्डू (करम राजपाल)।