मुद्दे तो आकर्षक उठाया है राजा भैया ने
मुद्दे तो आकर्षक उठाया है राजा भैया ने:-
चर्चित बिहार उत्तर प्रदेश की राजनीति में पिछले ढाई दशक से अपनी कार्यशैली को लेकर चर्चाओं में रहे रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने आज एससी एसटी एक्ट तथा आरक्षण में प्रोन्नति के मुद्दे को लेकर नई पार्टी बनाने का एलान किया, और इसी मुद्दे को लेकर आगे की अपनी राजनीति दशा और दिशा को तय करने की घोषणा की।
राजा भैया का उत्तर प्रदेश के साथ ही बिहार तथा अन्य पड़ोसी राज्यों में भी चाहने वालों का एक समूह है। खासकर कुछ वर्ग विशेष के युवा वर्गों में उनके प्रति काफी आकर्षण है और सोशल मीडिया पर चाहने वाले लोगों की संख्या भी लाखों में है। वो छह बार निर्दलीय विधायक बने, उप्र सरकार में मंत्री भी रहें हैं। मायावती से उनका विरोध और फिर मायावती सरकार द्वारा उनके खिलाफ की गई कारवाई भी काफी चर्चा में रहा है।
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के बाद एससी एसटी एक्ट को लेकर देश में भड़के आंदोलन और सड़कों पर इस मुद्दे को लेकर खूनी संघर्ष के बाद रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने इस ज्वलंत मुद्दे के माध्यम से अपनी राजनीतिक विरासत को उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले से बाहर निकालने के लिए एक रणनीति के तहत राजनीतिक दल गठन करने का निर्णय लिया है।
इस संबंध में आज आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने स्पष्ट कहा कि वे एससी एसटी एक्ट के वर्तमान स्वरूप, प्रोन्नति में आरक्षण के साथ ही साथ किसी घटना-दुर्घटना के बाद मुआवजा या राहत देने में अन्य वर्ग के लोगों और एससी-एसटी के बीच भेदभाव करने के मुद्दे को लेकर वे जनता के बीच जाएंगे। आरक्षण का एक बार लाभ ले चुके व्यक्ति के संतानों को इस लाभ से वंचित करने तथा इसके बदले उसी वर्ग के दूसरे परिवार को उस आरक्षण का लाभ देने को मुद्दा बनाकर जनता के बीच जाएंगे।राजा भैया ने कहा कि भारतीय संविधान में समानता के अधिकार की बात है। जबकि उसके मूल भावना के विपरीत एससी एसटी एक्ट में संशोधन किया गया है। इस गंभीर तथा ज्वलंत विषय को लेकर किसी भी राजनीतिक दल के नेता सदन में या फिर सड़क पर बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं जो दुखद है। उन्होंने अपने पार्टी के लिए चुनाव आयोग में दिए गए नामों की सूची भी सार्वजनिक करते हुए कहा कि जनसत्ता नाम से संबंधित दल का नाम होगा। वह जनसत्ता दल, जनसत्ता पार्टी या जनसत्ता लोकतांत्रिक पार्टी हो सकता है।
अगले वर्ष लोकसभा के आम चुनाव होने वाले हैं और लोकसभा चुनाव में बिहार तथा उत्तर प्रदेश का चुनाव परिणाम ही अभी तक केंद्र में सत्ता का दिशा और दशा तय करते आया है। एससी एसटी एक्ट को लेकर बिहार व उत्तर प्रदेश के अलावे राजस्थान, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में अधिक विरोध देखा गया है। ऐसी स्थिति में यह कहना तो कहीं से अनुचित नहीं होगा श्री राजा भैया ने जो मुद्दे उठाएं हैं वो मुद्दे तो आकर्षक हैं……