29 घंटे के बाद बोरवेल से निकली सना को PMCH ने ने भेजा घर, बनाएगा ब्रांड अंबेसडर
चर्चित बिहार पटना । मुंगेर की सना अब पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (पीएमसीएच) की ब्रांड अंबेसडर होगी। अस्पताल प्रशासन स्वास्थ्य विभाग को इस आशय के प्रस्ताव का पत्र लिखेगा। इसकी घोषणा पीएमसीएच प्रशासन ने शुक्रवार को की। बोरवेल में गिरने के बाद 30 घंटे तक मौत से संघर्ष के बाद निकाली गई तीन वर्षीय बच्ची को मुंगेर से लाकर तीन अगस्त को पीएमसीएच में भर्ती कराया गया था। ठीक होने के बाद शुक्रवार को उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया।
जिस समय सना को अस्पताल में भर्ती किया गया था, उस समय उसकी स्थिति काफी नाजुक थी। चेहरे पर काफी सूजन थी। रक्त में भी संक्रमण था। अस्पताल प्रशासन द्वारा उसके लिए विशेष व्यवस्था की गई। पूरी तरह से मुफ्त में इलाज किया गया। जांच से लेकर दवाओं तक की व्यवस्था अस्पताल की ओर से की गई।
अस्पताल अधीक्षक डॉ. राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि सना की तबीयत काफी खराब थी। लेकिन, अस्पताल के चिकित्सकों ने कठिन मेहनत कर उसे नया जीवन दिया है। वह सामान्य मरीज से काफी अलग थी। छोटी-सी बच्ची का 30 घंटे तक बोरवेल में रहना काफी मुश्किल है। लेकिन अब वह पूरी तरह स्वस्थ होकर घर जा रही है। अस्पताल प्रशासन की ओर से टेडी बियर एवं मिठाई देकर विदा किया गया।
सना का इलाज करने वाले डॉक्टर एवं शिशु विभाग के अध्यक्ष डॉ. एके जायसवाल ने कहा कि जिस समय उसे इलाज के लिए लाया गया था, चेहरे पर काफी सूजन था। आंखें नहीं खुल रही थीं। इसके अलावा रक्त में बहुत ज्यादा संक्रमण था। यहां भर्ती करने के बाद हाई पावर एंटीबायोटिक दवाएं चलाईं गईं, तब जाकर संक्रमण पर नियंत्रण पाया गया। 15 दिन बाद फिर उसे फॉलोअप जांच के लिए बुलाया गया है। जब सना पीएमसीएच से निकल रही थी, वहां मौजूद हुजूम उसकी एक झलक पाने को बेताब था।
मुंगेर के मुर्गियाचक में दो अगस्त को 110 फीट गहरे बोरवेल में गिरी तीन साल की सना को करीब 30 घंटे तक एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर निकाल लिया था। मिट्टी गीली रहने के कारण बचाव दल को सना तक पहुंचने में काफी परेशानी झेलनी पड़ी थी। इस रेस्क्यू अॉपरेशन पर पूरे देश की नजर थी।
बोरवेल से सुरक्षित निकली सना की हालत को मुंगेर सदर अस्पताल में इलाज कर रहे डॉक्टरों ने सामान्य बताया था। हालांकि, उसके सिर में सूजन आ गई थी जो लंबे समय तक बोरवेल में दबे होने के कारण हुआ था। बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने सना को सकुशल बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू टीम को बधाई दी थी। मुख्यमंत्री ने उसके इलाज की पूरी व्यवस्था करने का आदेश दिया था।