बालिका गृह यौन हिंसा: CBI को मिले ब्रजेश व मधु के संबंधों के मिले साक्ष्य
चर्चित बिहार मुजफ्फरपुर बालिका गृह दुष्कर्म कांड में सीबीआइ की जांच टीम को मंगलवार को एक ऐसा पत्र हाथ लगा, जिसपर ब्रजेश की राजदार मधु का हस्ताक्षर है। उक्त पत्र सेवा संकल्प व विकास समिति के लिंक वर्कर स्कीम समस्तीपुर से जारी है। इसमें डीआरपी के रूप में मधु का हस्ताक्षर है। मधु मुजफ्फरपुर के रेड लाइट एकरया के उजड़ने के बाद ब्रजेश के संपर्क में आई तो उसकी की होकर रह गई।
बताया जाता है कि ब्रजेश के ठिकानोें की तलाश के क्रम में सीबीआइ को एक अहम पत्र मिला है। सेवा संकल्प व विकास समिति के लिंक वर्कर स्कीम समस्तीपुर से 17 मार्च 2018 को जारी पर में डीआरपी के रूप में मधु का हस्ताक्षर है। पत्र पीआरआइ मेंबर को संबोधित किया गया है।
पत्र में विषय के रूप में एडवोकेसी मीटिंग का उल्लेख है। यह भी बताया गया है कि संस्था की ओर से समस्तीपुर जिले में लिंक वर्कर स्कीम परियोजना का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है। एडवोकेसी मीटिंग से परियोजना के अंतर्गत चलाए जा रहे कार्यक्रमों को और गति मिल सकेगी। उक्त पत्र के आलोक में सीबीआइ की टीम ने भी जांच तेज कर दी है।
मधु के पति से हो चुकी पूछताछ
जांच के दौरान गत सप्ताह सीबीआइ की टीम ने मधु के पति मो. चांद से पूछताछ की थी। उसने बताया था कि करीब 15 सालों से दोनों अलग रह रहे हैं। उसने सीबीआइ को बताया था कि ब्रजेश ने ही उसकी दुनिया में आग लगा दी।
ब्रजेश की गिरफ्तारी के बाद से मधु भूमिगत
यौन हिंसा मामले का भंडाफोड़ होने के बाद जब जिला पुलिस की तरफ से ब्रजेश ठाकुर समेत 10 आरोपितों को जेल भेजा गया। इसके बाद मधु भूमिगत हो गई। उसे जांच क्रम में पकड़े जाने का डर था। बहरहाल, सीबीआइ की टीम मधु को तलाश कर रही है।
ब्रजेश के ऐसे करीब आई मधु
बालिका गृह यौन हिंसा कांड में जांच एजेंसी को जिस मधु की तलाश है, वह ‘लालटेनपट्टी’ (रेड लाइट एरिया) उजडऩे के बाद पहली बार ब्रजेश ठाकुर के संपर्क में आई। उसने ब्रजेश के संगठनों को देखना, चलाना शुरू कर दिया।
2004 में प्रशिक्षु आइपीएस अधिकारी दीपिका सूरी की जिले में पदस्थापना हुई। चतुर्भुज स्थान इलाके में चल रहे देह व्यापार की बात उन तक पहुंची। उन्होंने ‘ऑपरेशन उजाला’ चलाकर रेडलाइट एरिया का उन्मूलन कर दिया। अभियान में कई तहखाने मिले, जहां लड़कियों को छुपाकर रखा गया था। पुलिस ने घरों को गिरा दिया। मुख्य सरगना के रूप में अनवर मियां का नाम सामने आया। पूरा इलाका उजडऩे के बाद वहां सब्जी मंडी खोली गई। दीपिका सूरी ने मोहल्ला सुधार समिति का गठन कराया। इसमें ब्रजेश ठाकुर की इंट्री हुई और उस इलाके में रहनेवाली मधु उसके प्रभाव में आई।