डॉ हेडगेवार कम्युनिस्ट दोस्त से कहते थे ‘आप एक लिबरल अमीर हैं, और मैं गरीब कैपिटलिस्ट’
चर्चित बिहार नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि आरएसएस को समझने के लिए उसके संस्थापक डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार को समझना जरूरी है. उन्होंने बताया कि डॉक्टर हेडगेवार ने चिकित्सा की पढ़ाई करने के बाद अपना जीवन देश को समर्पित कर दिया. इसके साथ ही वो कांग्रेस से जुड़े गए और जल्द ही विदर्भ प्रदेश के प्रमुख कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उनका नाम शामिल हो गया. नागपुर में कांग्रेस के कार्यक्रमों के तहत लोगों को आजादी के आंदोलन से जोड़ने के लिए उन्होंने जो भाषण दिए, उसके चलते उन पर नागपुर के कोर्ट में अभियोग चला. उन्होंने राजधानी के विज्ञान भवन में ‘भविष्य का भारत: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का दृष्टिकोण’ नाम से आयोजित व्याख्यान श्रृंखला के पहले दिन ये बात कही.
मोहन भागवत ने बताया, ‘डॉक्टर हेडगेवार ने जज से कहा कि किस कानून के तहत अंग्रेजों को भारत पर राज करने का अधिकार मिलता है. वो कानून बताओ. ऐसा कोई कानून है ही नहीं. इसलिए मैं आपके शासन को नहीं मानता. अगर ये राज द्रोह है और अंग्रेजों का शासन क्या है?’ इस पर जज ने उन्हें एक साल की सजा देते हुए कहा कि जिस भाषण के बचाव में उन्होंने अपना भाषण दिया, वो भाषण और ज्यादा भड़काऊ है. जेल से छूटने के बाद उनका जगह जगह स्वागत समारोह हुआ और एक कार्यक्रम की अध्यक्ष खुद मोती लाल नेहरू ने की.
मतभेद थे, मनभेद नहीं