लघु व सीमांत किसानों को मनरेगा का मिल सकता है लाभ
पटना.लघु और सीमांत किसानों को मनरेगा का लाभ मिल सकता है। पूर्वोत्तर राज्यों के क्षेत्रीय कार्यशाला में अधिकांश लोगों ने नीति आयोग की अंतिम बैठक में लघु व सीमांत किसानों को मनरेगा से जोड़ने का सुझाव दिया गया। तय किया गया कि सोन, सहित राज्य के सभी कनाल, आहर, पईन की सफाई और सड़क व मेड़ मनरेगा से क्रियान्वित किया जाएगा। शनिवार को बामेती में आयोजित इस बैठक में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में 91 प्रतिशत सीमांत किसान और 5.9 प्रतिशत लघु किसान हैं। इन्हें मनरेगा से जोड़ सकते हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ही प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक में सुझाव दिया था। 2019 मार्च तक बिहार में एक भी किसान को डीजल से सिंचाई की जरूरत होगी। किसानों के लिए अलग फीडर हो जाएगा। अधिक समय तक बिजली की उपलब्धता होगी।
उन्होंने कहा कि मनरेगा से तालाब बनाया जा रहा है। बिहार में 50 लाख पौधा लगाने का लक्ष्य रखा है। मनरेगा में भी पौधारोपण कार्यक्रम है। मछली पालन, मुर्गी पालन और गाय पालन को भी मनरेगा से जोड़ा जाना चाहिए। बिहार में 1013 प्रति वर्ग किलोमीटर बिहार का जनसंख्या घनत्व है। 2018-19 में केंद्र ने 55 हजार करोड़ और बिहार ने 2181 करोड़ का प्रावधान किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगारपरकर प्रशिक्षण कराना का भी कार्यक्रम इससे जोड़ा जा सकता है।