सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में हॉकी खिलाड़ी मोहम्मद शाहिद का परिवार लौटाएगा सभी अवॉर्ड

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ड्रीबलिंग के जादूगर पद्मश्री मोहम्मद शाहिद ने देश को हॉकी में कई मेडल दिलवाए थे, सन 1980 में मॉस्को में हुए ओलंपिक में मिला गोल्ड मेडल

वारणसी: भारतीय हॉकी टीम को एक नए मुकाम पर पहुंचाने वाले ड्रीबलिंग के जादूगर पद्मश्री मोहम्मद शाहिद ने देश को हॉकी में कई मेडल दिलवाए, लेकिन आज उनके परिवार ने सरकारी महकमे की अनदेखी की वजह से सभी पुरस्कारों को सरकार को लौटाने मन बना लिया है.

सन 1980 में मॉस्को में हुए ओलंपिक में मिले गोल्ड मेडल में मोहम्मद शाहिद का बड़ा योगदान था. शायद यही वजह है कि उसी साल मोहम्मद शाहिद को जहां अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया वहीं महज 6 साल बाद 1986 में सबसे कम उम्र में मोहम्मद शाहिद पद्मश्री सम्मान पाने वाले हॉकी प्लेयर बने. कई बार भारतीय हॉकी टीम की कमान संभाल चुके पद्मश्री मोहम्मद शाहिद का दो साल पहले 20 जुलाई 2016 को इंतकाल हो गया. लंबी बीमारी से जूझते रहे मोहम्मद शाहिद ने जब दम तोड़ा तो उनके परिवार को सहारा देने के लिए बहुत से लोग आए. इनमें केंद्र सरकार और तत्कालीन समाजवादी पार्टी की प्रदेश सरकार के कई मंत्री शामिल थे, साथ में हॉकी के कई बड़े नाम भी शामिल थे. लेकिन समय बीतता गया और आज मोहम्मद शाहिद के इंतकाल के दो साल बाद उनका परिवार इस बात से खफा है कि उनके जाने के बाद उन्हें हर कोई भूल गया.

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