मुख्यमंत्री बोले: जिलों में स्थापित हो पशु विज्ञान केंद्र, जमीन उपलब्ध कराएगी राज्य सरकार
चर्चित बिहार पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र की तरह राज्य में पशु विज्ञान केंद्र की स्थापना होनी चाहिए। इसके लिए आईसीएआर मदद करे। राज्य सरकार पशु विज्ञान केंद्र के लिए जमीन उपलब्ध कराएगी। पशु अस्पताल इफेक्टिव नहीं है। सभी पशुओं के इलाज के लिए पशु अस्पताल में बेहतर व्यवस्था करनी होगी। बीमार पशुओं को एडमिट कराने की सुविधा के साथ इंडोर और आउटडोर ठीक करने की जरूरत है। अस्पताल में अलग-अलग एक्सपर्ट पशु चिकित्सकों का पद सृजन करें। आवश्यक दवा उपलब्ध रहे। अस्पताल में सुधार के लिए धन की कमी नहीं होगी। एक बहुत ही अच्छा पशु अस्पताल बनाने के लिए जो भी कदम उठाना पड़े उठाइए। पशुओं के देसी नस्ल को बढ़ावा देना होगा। वह बुधवार को अधिवेशन भवन में बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय की प्रथम स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि राज्य में पशुओं के नस्ल सुधार के लिए पॉलिसी बनायी गई है। अपने राज्य के मौसम और जलवायु के अनुरूप इसे तैयार किया गया है। जैविक खेती के लिए पशुओं की जरूरत है। नालंदा, पटना सहित चार जिलों में जैविक खेती के लिए किसानों को अग्रिम इनपुट सब्सिडी देने की शुरुआत हुई है। आगे इसे और बढ़ाया जाएगा। पशु गोबर से वर्मी कंपोस्ट और गोमूत्र से जैविक पेस्टिसाइड तैयार हो सकता है। कहा- कृषि के जीडीपी में पशुपालन का एक तिहाई योगदान है।
मैं भी करता हूं गोपालन
सीएम ने कहा कि वे भी गोपालन करते हैं। उनके पास फ्रीजियन, जर्सी और देसी नस्ल की गायें हैं। फ्रीजियन में बीमारी की आशंका अधिक रहती है। जर्सी और देसी नस्ल की गाय रखने में परेशानी कम है। कहा- उनकी फ्रीजियन गाय को एक बीमारी हुई। पशु चिकित्सकों के अलावा आईसीएआर के विशेषज्ञों को भी बीमारी का पता नहीं चला। उस समय विधानसभा अध्यक्ष, तत्कालीन मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह की गाय में भी इसी प्रकार की बीमारी थी। इस बीमारी से मेरी गाय बच नहीं सकी।
खाना पकाने के बाद डाले नमक
कृषि वैज्ञानिक चयन मंडल के अध्यक्ष डॉ. एके श्रीवास्तव ने प्रेजेंटेशन में कहा कि बच्चे को जन्म के एक हजार दिनों तक लगातार पर्याप्त मात्रा में दूध और अंडा मिले, तो वे बीमारियों से बचे रहेंगे। दूध कंप्लीट फूड है। उन्होंने कहा कि खाना उबालने के समय आयोडिनयुक्त नमक डालने पर उसमें से आयोडीन उड़ जाता है। इसका कोई फायदा नहीं है। इसलिए खाना पकाने के बाद सब्जी या दाल में आयोडिनयुक्त नमक मिलाएं।
903 वेटेनरी डॉक्टरों की नियुक्ति जल्द
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की सचिव डॉ. एन विजयलक्ष्मी ने कहा कि बीपीएससी से एक माह के अंदर 903 वेटेनरी डॉक्टरों को चयन कर सूची मिल जाएगी। इन डॉक्टरों की नियुक्ति से पशु चिकित्सकों की कमी दूर होगी। धन्यवाद कुलसचिव पीके कपूर ने किया। पशु विज्ञान व संबद्ध क्षेत्रों में उच्च शिक्षा में चुनौतियां विषय पर संगोष्ठी में राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. आरआरबी सिंह, राजस्थान पशु चिकित्सा विवि के कुलपति डॉ. विष्णु शर्मा, पशुपालन कमिश्नर डॉ. एस हन्नापागोल एवं बिहार पशु विज्ञान विवि के मत्स्य सलाहकार डॉ. दिलीप कुमार ने संबोधित किया।
विजन 2030 डॉक्यूमेंट का विमोचन
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किशनगंज स्थित नवनिर्मित फिशरीज कॉलेज का शुभारंभ किया। विजन 2030 डॉक्यूमेंट का विमोचन किया। विश्वविद्यालय के प्रतीक, सील और वार्षिक प्रतिवेदन और वेबसाइट www.basu.org.in का लोकार्पण किया।
वैज्ञानिक एवं पशुपालक को सम्मान
सीएम ने वैज्ञानिक डॉ. अलाउद्दीन अहमद, डॉ. एचआर मिश्रा, डॉ. आरआरबी सिंह तथा किसानों में सीवान के मो. मुश्ताक अहमद, पटना धनरूआ के संतोष कुमार, मुजफ्फरपुर की समुद्री देवी, राजू कुमार चौधरी व भोजपुर के जितेंद्र सिंह को सम्मानित किया।
पशुओं का भी होगा आधार नंबर : मोदी
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि आदमी की तरह ही पशुओं का भी आधार नंबर होगा। पशुओं की कान में चिप्स लगा रहेगा। इससे उनकी पहचान के साथ नस्ल सहित अन्य जानकारी मिलेगी। कृषि रोड मैप में दूध, मांस, मछली, अंडा उत्पादन बढ़ाने के लिए योजना शुरू की गई है। मछली उत्पादन पहले काफी कम था, अब जल्द हम आत्मनिर्भर हो जाएगे। अंडा उत्पादन बढ़ाना होगा। अभी राज्य में सालाना 800 करोड़ अंडे की आवश्यकता है, जबकि उत्पादन मात्र 100 करोड़ ही होता है। एक लाख से कम मुर्गीपालन के लिए अब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी लेने की जरूरत नहीं होगी। कई नियमों को शिथिल किया गया है। इससे मुर्गीपालन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि पहले जो भी पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग का मंत्री बनता था, जेल चला जाता था। 2005 में एनडीए की सरकार बनी तो नीतीश जी ने इस विभाग की जिम्मेदारी मुझे दी। ढाई साल तक मैं इस विभाग का मंत्री रहा।