अगले पांच साल में सस्ती ऊर्जा हासिल करना सबसे बड़ा लक्ष्य: धर्मेंद्र प्रधान

0
121

चर्चित बिहार :- अगले पांच साल में सस्ती ऊर्जा हासिल करना सबसे बड़ा लक्ष्य: धर्मेंद्र प्रधान

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सस्ती और भरोसेमंद तेल आपूर्ति भारत जैसे ‘संवेदनशील’ आयातक देशों का शीर्ष एजेंडा है. सऊदी अरब के तेल प्रतिष्ठानों पर ड्रोन हमलों के बाद तेल के दाम में उतार-चढ़ाव के बीच उन्होंने यह बात कही

नई दिल्ली: पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने गुरुवार को कहा कि सस्ती और भरोसेमंद तेल आपूर्ति भारत जैसे ‘संवेदनशील’ आयातक देशों का शीर्ष एजेंडा है. सऊदी अरब के तेल प्रतिष्ठानों पर ड्रोन हमलों के बाद तेल के दाम में उतार-चढ़ाव के बीच उन्होंने यह बात कही. भारत के लिए सऊदी अरब तेल का दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है. वह अपनी जरूरत का ज्यादातर हिस्सा इसी देश से प्राप्त करता है.

14 सितंबर को ड्रोन से तेल प्रतिष्ठानों पर हमलों के बाद अनुबंध के मुताबिक ज्यादातर तेल आपूर्ति हासिल करने में सक्षम रहा. इस हमले के कारण करीब 57 लाख बैरल प्रतिदिन उत्पादन पर असर पड़ा था, जो देश में होने वाले तेल उत्पादन का करीब आधा है. विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की बैठक में प्रधान ने कहा, ‘हम यह बैठक आज ऐसे समय कर रहे हैं, जब सऊदी अरब के अबकाइक ओर खुराइस में तेल प्रसंस्करण संयंत्रों पर हमलों के कारण तेल एवं गैस क्षेत्र में बड़ा संकट है.’

उन्होंने कहा, ‘कीमत में उतार-चढ़ाव और सतत रूप से तेल आपूर्ति को लेकर चिंता से खपत वाले देशों के लिए स्थिति नाजुक हुई है. भारत और दक्षिण एशिया के ज्यादातर देश कच्चे तेल और गैस आयात पर निर्भर हैं. इसीलिए भारत समेत इन देशों के लिए सस्ती और भरोसेमंद ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित करना एजेंडे में सबसे ऊपर है.’

तेल प्रतिष्ठानों पर हमलों के बाद सऊदी अरब से तेल आपूर्ति पर असर तो नहीं पड़ा, लेकिन तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलपीजी) आयात पर असर पड़ा है. उन्होंने कहा, ‘इसीलिए यह स्वभाविक है कि… ऊर्जा क्षेत्र में होने वाली गतिविधियों पर भारत में खास ध्यान दिया जाता है.’ प्रधान ने कहा, ‘…सच्चाई यह है कि भारत देश में ऊर्जा गरीबी कम करने के लिये कई सुधारात्मक कदम उठाकर वैश्विक स्तर पर अग्रणी भूमिका निभा रहा है.’

उन्होंने कहा कि भारत की दुनिया में विदेशी ऊर्जा निवेश में वृद्धि रिकार्ड स्तर पर ऊंची रही और यह 85 अरब डॉलर पहुंच गई है. प्रधान ने कहा कि 2024 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिए 1.3 अरब लोगों के लिए ऊर्जा उपलब्धता बढ़ाना अनिवार्य है, जिनकी प्रति व्यक्ति ऊर्जा खपत वैश्विक औसत से कम है.

उन्होंने कहा, ‘इससे ऊर्जा मांग में 2035 तक 4.2 प्रतिशत की दर से वृद्धि का अनुमान है.’मंत्री ने कहा कि सरकार की ऊर्जा नीति में चार स्तंभ…ऊर्जा पहुंच, ऊर्जा दक्षता, भरोसेमंद ऊर्जा और ऊर्जा सुरक्षा…हैं. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बड़ी चुनौती है, नवप्रवर्तन और स्वच्छ ऊर्जा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here