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शेल्टर होम इफेक्ट: समाज कल्याण विभाग में लगी नौकरी पर ज्वाइनिंग को तैयार नहीं 40 कर्मचारी

चर्चित बिहार  पटना. जिस राज्य में सरकारी नौकरी के एक पद के लिए लाखों युवा प्रतियोगिता परीक्षा देते हों, उस राज्य में सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र मिलने के बाद भी अगर ज्वाइनिंग के लिए लोग आगे नहीं आएं तो इसे विडंबना नहीं तो और क्या कहेंगे? समाज कल्याण विभाग ने शेल्टर होम्स में कर्मचारियों के रिक्त 117 पदों की सूची राज्य कर्मचारी चयन आयोग को भेजी थी। आयोग ने लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के बाद 117 उम्मीदवारों की सूची विभाग को भेज दी। इस सूची में से केवल 77 लोगों ने ही योगदान दिया है। शेष 40 लोगों को ज्वाइनिंग के लिए विभाग लगातार फॉलो कर रहा है, लेकिन वे ज्वाइनिंग को तैयार नहीं है। दरअसल टिस की रिपोर्ट के बाद राज्य के शेल्टर होम के जो कारनामे सामने आए, उसको देखते हुए चयनित कर्मचारियों को वहां नौकरी करने में डर लग रहा है।

शेल्टर होम चलाने के लिए नहीं मिल रहे घर 
सरकार को राज्य में शेल्टर होम चलाने के लिए किराए पर मकान नहीं मिल रहा है। हाल के दिनों में मुजफ्फरपुर समेत 14 शेल्टर होम में जैसे कुकृत्य की खबरें सामने आईं, उसे देखकर कोई भी अपना मकान शेल्टर होम चलाने के लिए देने को तैयार नहीं है। विभाग ने मुंगेर और भागलपुर जैसे स्थानों पर एनजीओ से शेल्टर होम वापस ले लिया है।
कई अच्छे एनजीओ ने भी खड़े किए हाथ
समाज कल्याण विभाग की दुश्वारियां कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। शेल्टर होम को लेकर जिस तरह का वातावरण राज्य में बना है, उसको देखते हुए अच्छा काम करने वाले कई एनजीओ ने हाथ खड़े कर दिए हैं। कई ने विभाग को सेंटर हैंडओवर करने को कह दिया है।
– विभाग ने शेल्टर होम के विभिन्न पदों के लिए 117 रिक्तियों की अभियाचना राज्य कर्मचारी चयन आयोग को भेजी थी। आयोग ने अंतिम रूप से चयनित सूची विभाग को भेजी, जिसमें से 77 लोगों ने ही अबतक योगदान दिया है। -राज कुमार, निदेशक, समाज कल्याण विभाग

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