Breaking Newsताज़ा ख़बरबड़ी खबरेंबिहार

आयुष्मान भारत योजना को झारखंड में रोल मॉडल बनाने में मदद करें- रघुवर दास, मुख्यमंत्री

चर्चित बिहार रांची।।दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत की लॉन्चिंग झारखंड से की गई। यह हमारे राज्य और यहां के सवा तीन करोड़ जनता के लिए गौरव की बात है। अब हमें मिलकर इस योजना को जल्द से जल्द सफल बनाना है। इस योजना के क्रियान्वयन में झारखंड रोल मॉडल बने, इसके लिए हम सब को प्रयास। करना है लोग चर्चा करें कि आयुष्मान भारत के क्रियान्वयन को देखना है तो झारखंड जाए ऐसी व्यवस्था खड़ी करनी है। इससे हमारे राज्य का मान बढ़ेगा। इस योजना का लाभ गरीब, शोषित और वंचितों को मिलेगा। जन सहयोग से हम व्यवस्था को व्यवस्थित करने में सफल होंगे। उक्त बातें मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने स्कीपा सभागार में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना आयुष्मान भारत के अंतर्गत राज्य के निजी अस्पतालों के संचालकों के साथ आयोजित सेमिनार में बोल रहे थे।

जल्द ही स्टेट हेल्थ एडवाइजरी कमिटी

मुख्यमंत्री ने कहा कि  राज्य में योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए जल्द ही स्टेट हेल्थ एडवाइजरी कमिटी बनाई जाएगी, जिसमें निजी अस्पतालों के संचालक भी प्रतिनिधि के रूप में शामिल होंगे। इस कमेटी के अंतर्गत एक टेक्निकल कमिटी भी होगी, जो योजना लागू करने में आ रही समस्याओं व अस्पतालों की समस्याओं पर चर्चा कर सुझाव देगी। इस कमेटी की बैठक हर माह होगी।एडवाइजरी कमेटी की अनुशंसा को राज्य सरकार लागू करेगी। जनहित में हर प्रकार का निर्णय लागू करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।

सभी लाभुकों को इसका पूरा लाभ मिले

उन्होंने कहा कि जन सहयोग से व्यवस्था को अच्छी तरह से लागू किया जा सकता है। अस्पतालों की जो परेशानियां है, उसे दूर करने के लिए सरकार पूरी तरह से तत्पर है।उसी प्रकार सरकार अस्पताल से भी के योजना के तहत आने वाले सभी लाभुकों को इसका पूरा लाभ मिले, इसे सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि यह बहुत बड़ा कार्य है। बड़े कार्य को व्यवस्थित करने में कठिनाई आती है। शुरू में आलोचनाएं भी होंगी, लेकिन उससे घबराना नहीं है। आलोचना को अवसर बनाकर हमें काम करना है। हम मानते हैं कि अभी व्यवस्था में कमी है लेकिन हमारी सोच और हमारे इरादों में कमी नहीं है। मजबूत सोच और इरादों के साथ काम करने पर सफलता अवश्य मिलती है।

आरोग्य मित्र व मेडिकल कोऑर्डिनेटर  की भूमिका महत्वपूर्ण

मुख्यमंत्री ने अस्पताल संचालको से कहा कि मरीजों की मदद के लिए तैनात आरोग्य मित्र व मेडिकल कोऑर्डिनेटर को सही जानकारी दें।उन्हें मरीजों के साथ अच्छा व्यवहार करने और उनकी हर प्रकार से मदद करने के लिए प्रोत्साहित करें। साथ ही इस बात का भी अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करें कि इस योजना का लाभ लेने के लिए गोल्डन कार्ड की जरूरत नहीं है। जिस किसी के पास भी राशन कार्ड है, वह राशन कार्ड ले जाकर अस्पताल में दिखाएं, योजना का लाभ लेने के लिए यही काफी है।

ऐसा कार्य करके जाएं आने वाली पीढ़ी आपको वर्षों तक याद रखें।

इलाज में किसी प्रकार की कोताही ना हो, अस्पताल संचालकों से इस का आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि कभी कभी शिकायतें मिलती हैं कि जरूरत नहीं पड़ने पर भी मरीजों को अतिरिक्त दिन अस्पताल में ही भर्ती रखा जाता है। अतिरिक्त पैसे चार्ज किए जाते हैं। यह अनैतिक है। इससे धन तो मिलेगा, लेकिन साथी पीड़ित परिवार की आह भी लगेगी। ईमानदारी से धन कमाए और जो भी अधिक धन कमाए उसे गरीबों के कल्याण पर खर्च करें। इससे गरीबों का आशीर्वाद मिलेगा। सबसे बड़ी दौलत है यश। ऐसा कार्य करके जाएं आने वाली पीढ़ी आपको वर्षों तक याद रखें।मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष के बजट में पहले ही राज्य सरकार ने घोषणा की थी कि राज्य के 57 लाख परिवारों को मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा किया जाएगा। इसी बीच केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत लांच की। जिसमें राज्य के 28 लाख परिवारों को उसका लाभ मिलना था। राज्य सरकार ने योजना में और 29 लाख परिवारों को शामिल किया और अब 57 लाख परिवारों को 5 लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिलेगा। यह गरीबों के लिए बहुत बड़ी सेवा होगी। स्वामी विवेकानंद ने भी कहा था कि गरीबों के जीवन में बदलाव लाकर ही हमारा देश भारत विश्व गुरु बन सकता है। इसका प्रयास आयुष्मान भारत योजना से शुरू हो चुकी है।

प्रधान सचिव स्वास्थ्य श्रीमती निधि खरे ने कहा कि स्वास्थ्य को लेकर सुविधा प्रदान करने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। निजी अस्पतालों से 600 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इससे संबंधित जांच की जा रही है 57 लाख परिवार को पूरे देश में कैशलेस सुविधा मिले यह सुनिश्चित किया जा रहा है। अब अस्पतालों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह कैसे मरीजों को इस योजना से लाभान्वित करते हैं। योजना से राज्य की 85% आबादी आच्छादित है। निजी अस्पतालों के लिए यह अवसर है कि वे अपना सर्वश्रेष्ठ दें। 164 निजी अस्पताल सूचीबद्ध हो चुके हैं, जहां मरीज इस योजना का लाभ ले सकते हैं।

बैठक में आईएमए के डॉ. अमर कुमार सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा उठाया गया यह क्रांतिकारी कदम है। प्रधानमंत्री के इस सपने को हम मिलकर साकार करेंगे योजना को लेकर कुछ विषयों पर संशय को सरकार द्वारा दूर कर निराकरण कर दिया गया है। राज अस्पताल के डॉ. योगेंद्र गंभीर ने कहा कि हेल्थ केयर को हम सस्ता करना चाहते हैं।

इस मौके पर मेडिका अस्पताल के अनिल कुमार, जैन अस्पताल बोकारो, मेधा अस्पताल देवघर के डॉ. निर्मल कुमार एवं स्वास्थ्य विभाग के निदेशक श्री लक्ष्मण लाल और एनआईसी के प्रतिनिधियों ने एमओयू का आदान प्रदान किया।

कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव श्रीमती निधि खरे, एनएचएम के प्रबंध निदेशक श्री कृपानंद झा, राज्य में आयुष्मान भारत के निदेशक श्री दिव्यांशु झा, नेशनल हेल्थ इंश्योरेंस के श्री डीएस पिंटे समेत बड़ी संख्या में निजी अस्पतालों के संचालक उपस्थित थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button