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दीपोत्सव को दीपों का उत्सव रहने दें-डॉ0 अमृता, दीपावली पर दीप जलाएँ पर्यावरण बचायें अभियान का किया शुभारंभ

दीपोत्सव को दीपों का उत्सव रहने दें-डॉ0 अमृता, दीपावली पर दीप जलाएँ पर्यावरण बचायें अभियान का किया शुभारंभ
चर्चित बिहार समस्तीपुर । दीपावली के बदलते स्वरूप ने पर्यावरण सबसे ज्यादा नुकसान पहुँचाया है। आधुनिकता की होड़ मे अपनी सांस्कृतिक विरासत को भूलते भूलते हम अपनी अच्छी चीजों को पीछे छोड़ आये हैं। धार्मिक आस्था से जुड़ा पर्व दीपावली भी इससे अछूता नहीं रह सका और मिट्टी के दियों और कुल्हरों की जगह जुगनू की तरह जगमगाती रंगबिरंगी लड़ियों और बहुरंगे बल्ब ने ले लिया है। जिससे मच्छरों का प्रकोप ही नहीं बढ़ा बल्कि इसका पर्यावरण पर भी बुरा प्रभाव पड़ा है। प्रियांशी सेवा संस्थान सह रॉटरी क्लब समस्तीपुर सीटी की सचिव डॉ0 अमृता कुमारी ने आओ मिल कर दीप जलायें पर्यावरण बचायें अभियान का शुरूआत करते हुए कही। जिलाधिकारी चन्द्रशेखर प्रसाद सिंह एवं आरक्षी अधीक्षक हरप्रीत कौर को दीपों का उपहार देकर उन्हें दीपावली की शुभकामना दी और दीपावली को दीपों का त्योहार बनाने में सहयोग करने की अपील की।

डाॅ0 अमृता ने बताया कि इस अभियान से बदहाली में बसर कर रहे कुम्भकारों की मदद के साथ-साथ पर्यावरण बचाने की इस मुहिम में शहर एवं इसके आसपास के इलाकों में 25 दीपों का उपहार दिया जा रहा हे। उन्होंने कहा कि हमारी बदलती जीवन शैली में खपरैल मकानो की जगह बड़े बड़े बहुमंजिले मकानो ने ले ली, लकड़ी और मिट्टी के बर्तनो की जगह धातु व प्लास्टिक के बर्तनों ने ले ली जिससे इन चीजों के मांग कम हो गये। इन सब कारणो से मिट्टी के बर्तन व सामान बनाने वाले कुम्भकारों के समक्ष भूखमरी की के हालात उत्पन्न हो गये हैं। इसलिये हमने इस दीपावली पर मिट्टी के ही दीप जलाकर दीप पर्व मनाये जाने की एक मुहिम छेड़ी है। डॉ0 अमृता ने बताया कि इस मुहिम के तहत विद्यानिकेतन के बच्चों की सहायता से जागरुकता अभियान चलाया जायेगा। रविवार से आरंभ होने वाले इस मुहीम मे सिर्फ जागरुकता अभियान ही नही चलाया जायेगा बल्कि घर घर जाकर मिट्टी के दीप, बाती, और गरीब परिवारों को तिल का तेल उपहार स्वरूप भेंट किया जा रहा है। मौके पर रोटरी क्लब के प्रेसीडेंट डाॅ0 जीसी कर्ण, प्रो0 मुकुन्द कुमार सहित कई लोग मौजूद थे।

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