सेना की बहाली में फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह का सरगना पकड़ा गया
चर्चित बिहार पटना. सेना में बहाली कराने के नाम पर बिहार और यूपी के युवाओं से ठगी करने वाले गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया। पटना पुलिस की विशेष टीम और रूपसपुर थाने की पुलिस ने रूकुनपुरा स्थित एमएम कॉम्प्लेक्स के एक फ्लैट से गिरोह के सरगना और उसके तीन साथियों को गिरफ्तार किया।
एसएसपी मनु महाराज को सूचना मिली थी कि रविवार को आर्मी की हुई परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने वाला गिरोह रूपसपुर में छिपा है। इसके बाद एसएसपी के निर्देश पर एसआई विनय कुमार, रूपसपुर थानेदार राजेश कुमार, एएसआई गौरव की टीम ने छापेमारी कर सभी को गिरफ्तार किया। एसएसपी ने कहा कि शातिरों से पूछताछ की जा रही है। वे पहले भी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। सभी बहुत ही शातिर हैं।
प्रश्नपत्र तो लीक नहीं किया?
रविवार को राजधानी में आर्मी की जीडी भर्ती की परीक्षा हुई थी। जिस 160 अभ्यर्थियों के शैक्षणिक कागजात जब्त हुए हैं पुलिस मान रही है कि वे सभी रविवार को हुई परीक्षा में शामिल हुए थे। पुलिस अब इस बात की जांच में जुटी है कि 160 अभ्यर्थियों को शातिरों ने क्या भरोसा दिया था। क्या इन अभ्यर्थियों को परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र उपलब्ध कराया गया था? पुलिस इन तमाम बिंदुओं पर पड़ताल कर रही है। एसएसपी ने कहा कि पुलिस हर बिंदू पर जांच कर रही है।
3 लाख लेने के बाद लौटाता था मूल प्रमाणपत्र
पूछताछ में खुलासा हुआ कि मुन्ना सिंह एक कैंडीडेट से दो से तीन लाख तक वसूलता था। सूत्रों की मानें तो जीडी का रिजल्ट आने के बाद मुन्ना सिंह कुल 3 करोड़ 20 लाख रुपए अभ्यर्थियों से वसूलता। इसके बाद सभी अभ्यर्थियों को उसका मूल प्रमाणपत्र लौटा देता।
ऐसे देता था अभ्यर्थियों को झांसा
खुलासा हुआ कि मुन्ना आर्मी की परीक्षा की घोषित तिथि से हफ्ते दिन पहले सभी कैंडीडेट को पटना बुला लेता था। इसके बाद उन लोगों को अपने ठिकाने या किसी होटल में रखता था। परीक्षा से दो दिन पहले वह सभी को प्रश्नपत्र उपलब्ध कराता था। हालांकि मुन्ना ने पुलिस से कहा कि वह पुरानी परीक्षाओं का प्रश्नपत्र एकत्र कर अभ्यर्थियों को झांसा देता था। सभी अभ्यर्थियों को एक हॉल में बिठाकर मेटल डिटेक्टर से उसकी जांच करवाता था और उसके बाद सभी से प्रश्न और उत्तर याद करवाता था।
बहाली रैकेट में आ चुका है सैन्यकर्मियों का नाम
बहाली के नाम पर चलने वाले एक रैकेट का खुलासा करते हुए पुलिस ने जनवरी 2017 में मुन्ना सिंह को राहुल कुमार, सतीश कुमार, नीतीश कुमार सिंह और विक्की के साथ शाहपुर पुलिस ने पकड़ा था। इस दौरान भर्ती की लिखित परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक करने में जोनल भर्ती मुख्यालय में पदस्थापित दो हवलदारों के नाम भी सामने आए थे, जो कथित रूप से अभ्यर्थियों को शारीरिक जांच व लिखित परीक्षा में मदद करते थे। दोनों को इस मामले में आरोपी बनाया गया था। हालांकि सैन्य अधिकारियों ने किसी तरह का सबूत नहीं होने की बात कहते हुए पुलिस को दोनों से पूछताछ नहीं करने दिया था।
अकूत संपत्ति की अर्जित, पटना में हैं पांच फ्लैट
सूत्रों की मानें तो मुन्ना 2010 से फर्जीवाड़े के इस खेल में शामिल है। इस दौरान उसने अकूत संपत्ति अर्जित की है। सिर्फ पटना में ही उसके 5 फ्लैट हैं। हालांकि वह हर बार किराए के फ्लैट से गिरफ्तार हुआ है। उसका नेटवर्क बिहार के साथ-साथ झारखंड और यूपी में भी फैला हुआ है। बिहार और झारखंड में फैले उसके सैकड़ों एजेंट को मॉनिटर करने और लेन-देन का ब्योरा उसने जगदीश को दे रखा है। जगदीश उसका मैनेजर है। वहीं पिंटू उसके एजेंट के रूप में काम करता है। जिलों से आने वाला कैंडीडेट या फिर उसके अभिभावक पहले पिंटू से मिलते हैं, रकम फाइनल होने के बाद जगदीश से मिलकर आगे की बात होती है।
सेना की वर्दी-पहचान पत्र के साथ पिछले साल पकड़ा गया था मुन्ना
सेना में फर्जी तरीके से बहाली कराने वाले गैंग का माफिया है भोजपुर का मुन्ना। वह पहले भी कई बार गिरफ्तार हो चुका है। 28 जनवरी 2017 को शाहपुर थाना इलाके से मुन्ना को उसके गुर्गों के साथ पुलिस ने गिरफ्तार किया था। होंडा सिटी कार से मुन्ना किसी अधिकारी से मिलने जा रहा था। तब उसके पास से सेना की वर्दी, सेना का फर्जी परिचय पत्र, लाखों रुपए और दर्जनों छात्रों के मूल प्रमाणपत्र जब्त हुए थे। इस बार भी उसके पास से जो स्कार्पियो जब्त हुई है उस पर आर्मी लिखा हुआ है। फर्जी बहाली कराने के आरोप में पटना के अलावा बिहार के कई जिलों के थानों में मुन्ना पर मामला दर्ज है।