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शॉपिंग सेंटरों ने बेसमेंट को बना लिया गोदाम, नहीं छोड़ी पार्किंग की जगह, रोज लग रहा जाम

चर्चित बिहार भागलपुर. हाईकोर्ट ने सड़कों पर पार्किंग व अतिक्रमण पर कहा है कि सड़क मॉल, होटल व शॉपिंग सेंटरों के लिए नहीं, लोगों के लिए है। भले ही यह टिप्पणी पटना के लिए की गई हो, लेकिन भागलपुर के हालात भी बिल्कुल वैसे ही हैं। किसी भी बाजार व चौराहे पर निकल जाइये, मॉल, शॉपिंग सेंटरों व होटलों ने सड़क को ही पार्किंग बना ली है। अधिकतर मॉल व होटल में पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। शॉपिंग सेंटरों ने बेसमेंट में भी दुकान खोल ली है और गाड़ियों रोड पर लगती है। इस कारण हमेशा सड़क पर जाम लगता है। लोगों को निकलना मुश्किल हो जाता है। लेकिन नगर निगम के जिम्मेदारों को यह नहीं दिख रहा है। जाम के कारण स्कूली बस फंस जाती है। बच्चों को काफी दिक्कत होती है। सदर एसडीओ आशीष नारायण ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश का अध्ययन किया जाएगा। सड़क से अतिक्रमण हटाने की दिशा में जल्द पहल की जाएगी। जिन मॉल ने सड़क पर कब्जा किया है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

कार्रवाई का केवल डर दिखाता है नगर निगम
शहर के प्रमुख चौक-चौराहे पर बना पार्किंग की सुविधा के मॉल व शॉपिंग सेंटर बना दिए गए। पार्किंग के लिए संचालकों ने सड़क का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। अब यह परिपाटी ही बन गई है। लिहाजा शहर की सड़कें इन मॉल व शॉपिंग सेंटरों की वजह से जाम से जूझ रही हैं। लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं। अब जब हाईकोर्ट की टिप्पणी आयी है तो निगम प्रशासन फिर से नोटिस व कार्रवाई की बात कर रहा है। दैनिक भास्कर ने मंगलवार को शहर के पांच प्रमुख स्थानों का जायजा लिया तो यह हकीकत सामने आई।

लालबाग : सैंडिस कंपाउंड की दीवार के सटाकर लगाई जाती हैं गाड़ियां 
यहां के मॉल में पार्किंग बनी है पर उसका इस्तेमाल गोदाम के रूप में होता है। यहां आने वाले ग्राहकों की गाड़ियां सैंडिस की दीवार से सटाकर लगवाई जाती हैं, कुछ मॉल के सामने खड़ी रहती हैं। प्रतिदिन शाम पांच बजे से रात नौ बजे तक यहां जाम लगता है। पूर्व एसडीओ कुमार अनुज ने मॉल संचालक के खिलाफ एक्शन लेते हुए नापी भी कराई थी। कुछ बंद रहा फिर पहले की तरह हो गया।

पटल बाबू रोड : बेसमेंट में पार्किंग की जगह रेस्टोरेंट व दुकानें : 
पटल बाबू रोड में जहां पार्किंग होना चाहिए, वहां बेसमेंट में रेस्टोरेंट व अन्य दुकानें चल रहीं हैं। वाहन किनारे पार्क कराया जाता है। इस रोड में शॉपिंग सेंटर, बड़ी दुकानें, बैंक व कई महत्वपूर्ण कंपनियों के दफ्तर हैं।

खलीफाबाग चौक : हर दुकान के आगे बाइक की कतार

खलीफाबाग चौक शहर का सबसे व्यततम चौराहा है। यहां कई शॉपिंग सेंटरों के बेसमेंट में पार्किंग की व्यवस्था है, लेकिन अधिकतर में दुकानें चल रही हैं। बाइक लगी रहती है।

घंटाघर रोड : अक्सर लगा रहता है जाम
घंटाघर रोड में मुख्य डाकघर के सामने मॉल, शॉपिंग सेंटर व होटलें हैं। यहां पार्किंग है पर सड़क किनारे गाड़ियां लगी रहती हैं। राधारानी खास तौर पर बड़े वाहनों को लगाने की वजह से जाम लगा रहता है। जबकि यहां एक प्राइवेट स्कूल भी हैं। यहां जाम लगता है।

भीखनपुर रोड : सड़क किनारे गाड़ियां, फंस रहीं एंबुलेंस

यहां तीन-तीन मॉल व शॉपिंग सेंटर हैं। इसमें पार्किंग है, लेकिन अधिकतर वाहनों को मॉल के सामने सड़क किनारे लगवाया जाता है। यह सड़क भी बहुत व्यस्त है। इस मॉल से ठीक आगे दो नए मॉल खुले हैं, यहां भी पार्किंग के नाम पर यही हाल है। इस इलाके में आधा दर्जन नर्सिंग होम भी हैं, लिहाजा मरीजों को लेकर हमेशा एंबुलेंस आती-जाती रहती है। जाम से परेशानी होती है।

इन दो चैनलों से होनी है निगरानी 
1. नगर निगम से मॉल या अपार्टमेंट बनाने के लिए नक्शा शाखा से नक्शा आर्किटेक्ट की रिपोर्ट पर पास होता है। इसके लिए पूर्णिया के आर्किटेक्ट राजीव कुमार को जिम्मेदारी दी गई है। लेकिन वे कागजों पर नक्शा पास करने की अनुशंसा करते हैं। जमीन मालिक यह लिख कर देते हैं कि बिल्डिंग बनने के दौरान सुपरवीजन कौन इंजीनियर करेंगे। इसके लिए निगम से 20 इंजीनियर रजिस्टर्ड हैं।

2. निगम ने अवैध निर्माण शाखा बनी है। इनके जिम्मे यही काम है कि कौन से घर-मकान या बिल्डिंग नक्शा के अनुरूप बन रहे हैं। अगर नहीं बन रहा है तो उसे नोटिस देकर निगम प्रशासन को सूचित करना है। कार्रवाई की अनुशंसा निगम को अपने इंजीनियर से जांच कराने के बाद करना है, लेकिन यह काम ढंग से नहीं हो रहा है।

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