मुजफ्फरपुर कांड: जेल में बृजेश के पास 50 हाईप्रोफाइल लोगों के नंबर मिले, पर्ची पर लिखा था 2.5 करोड़ का हिसाब

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मुजफ्फरपुर. बालिका गृह में बच्चियों के यौन शोषण मामले में मुख्य आरोपी बृजेश ठाकुर को जेल अस्पताल से दोबारा बैरक में भेज दिया गया है। जिला प्रशासन ने शनिवार को जेल में छापा मारा था। उसे बृजेश के पास तीन पर्चियां मिलीं। इनमें से दो पर्चियों पर 50 से ज्यादा हाईप्रोफाइल लोगों के फोन नंबर लिखे थे। तीसरी पर्ची पर अलग-अलग बैंक खातों में जमा 2.5 करोड़ रुपए की निकासी का हिसाब है।
बताया जा रहा है कि बृजेश के पास मिले नंबरों में से कुछ समाज कल्याण विभाग के अफसरों और नेताओं के हैं। जिला प्रशासन की टीम को अस्पताल में दो मोबाइल भी मिले हैं। इस जब्ती के बाद बृजेश समेत इलाज करा रहे 22 बंदियों को अस्पताल से बैरक में भेज दिया गया।
बृजेश के बेटे को छोड़ा गया : मामले की जांच के लिए शनिवार सुबह सीबीआई और केंद्रीय एफएसएल की टीम बालिका गृह पहुंची थी। केंद्रीय जांच एजेंसी ने यहां बृजेश के बेटे राहुल आनंद को हिरासत में लेकर पूछताछ की। बाद में उसे छोड़ दिया। सीबीआई और सीएफएसएल की टीम में 18 सदस्य थे। इन्होंने बालिका गृह में केमिकल और आधुनिक मशीनों की मदद से किशोरियों से दुष्कर्म और यौन शोषण के साक्ष्य जुटाए। किशोरियों के कपड़े, बेडशीट और फाइलें जब्त की गईं। सीबीआई ने परिसर में किशोरी की लाश तलाशने के लिए जेसीबी मशीन बुलवाई थी। हालांकि, खुदाई नहीं की गई।
जब्त फाइलों में है 471 किशोरियों की केस हिस्ट्री : सूत्रों ने बताया कि सीबीआई को बालिका गृह से कुछ फाइल मिली हैं। इनमें अक्टूबर 2013 से मई 2018 तक यहां आई 471 किशोरियों के बारे में ब्योरा है। बालिका गृह को मिली वित्तीय मदद की जानकारी भी मिली हैं। बालिका गृह की सबसे ऊपरी मंजिल पर छोटा अस्पताल बना था। बताया जा रहा है कि यहां किशोरियों का इलाज किया जाता था।

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