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भाजपा की चिंताएं बढ़ा रहे हैं उपेन्द्र कुशवाहा, इस इस बयान से गरमायी राजनीति

नई दिल्लीः  रालोसपा सुप्रीमों उपेन्द्र कुशवाहा हाल के दिनों अपनी राजनीतिक गतिविधियों से और उनको लेकर लगने वाले सियासी कयासों से भाजपा की चिंताए बढ़ा रहे है। उपेन्द्र कुशवाहा के नेतृत्व वाली रालोसपा अभी एनडीए का हिस्सा है लेकिन बदलते वक्त के साथ बीजेपी की चिंताएं बढ़ रही हैं कि कहीं गठबंधन का यह सहयोगी भी न छिटक जाए। यह यूं हीं नहीं है कुछ कारण है। पिछले कुछ दिनों से उपेन्द्र कुशवाहा शिक्षा को लेकर केन्द्र और राज्य की उसी एनडीए सरकार को घेर रहे थे जिसके वे खुद सहयोगी हैं। अब उपेन्द्र कुशवाहा ने बिहार सरकार से उनलोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है, जो राज्य में माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। बगैर किसी का नाम लिए कुशवाहा ने यह मांग राज्य सरकार से की है है लेकिन ऐसा लगता है कि उनके निशाने पर भाजपा का एक धड़ा जरूर है।

भाजपा को इसलिए भी ज्यादा चिंतित होना चाहिए क्योंकि इससे पहले बिहार से भाजपा के एक और सहयोगी दल लोजपा के सुप्रीमो रामविलास पासवान ने भी भाजपा को समाज के सभी तबको को साथ लेकर चलने की नसीहत दी थी। दरअसल ये सारे संकेत बताते हैं कि दल चाहे कोई भी हो तैयारी 2019 की है। सभी राजनीतिक दल अपने लिये संभावनाएं तलाश रहे हैं, सबकी अपनी महत्वकांक्षाएं हैं और अपनी राजनीतिक जरूरते हैं। चाहे वो उपेन्द्र कुशवाहा की इनदिनों की राजनीतिक गतिविधि हो या फिर रामविलास पासवान की नसीहत हो यह यूं हीं नहीं है, राजनीति में कुछ भी ऐसे हीं नहीं होता हर चीज का एक मतलब होता है, राजनीति में अक्सर ऐसी चिंगारिया बुझ जाने का भरम देती हैं मगर अक्सर बुझती नहीं सियासत के ऐसे झगड़े ब्रेकिंग न्यूज बनते हैं। कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी लेकिन अगर उपेन्द्र कुशवाहा और रामविलास पासवान एनडीए से छिटके तो नुक्सान ज्यादा बीजेपी का होगा क्योंकि उपेन्द्र कुशवाहा और पासवान के पास खोने के लिए ज्यादा कुछ नहीं है लेकिन बीजेपी के पास बहुत कुछ है।

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